Wednesday, April 25, 2007

एक कोशिश... तुझे भूल जाने की!!!

Missing




तुझे भूलने की कोशिश में,
जब दिल ये ज़िद पे आ गया,
मैं आँख मूँद के बैठ गयी,
तू ख़याल पे फिर छा गया...

ये धड़कन कहीं रुक जाए ना,
मेरी नब्ज़ ठहर ना जाए कहीं,
तूने वक़्त किया मेरा लम्हा लम्हा,
मगर मौत को आसान बना गया...

मेरी हर दलील को किया अनसुनी,
मेरी फ़रियाद भी तो सुनी नहीं,
मैं हैरान हूँ, हाँ कुछ परेशान हूँ,
ऐसा फ़ैसला तू मुझे सुना गया...

मुझे चाँद की कभी तलब ना थी,
मुझे सूरज की भी फ़िक्र नहीं,
बस आँख खोलना ही चाहते थे हम,
मगर तू रोशनी ही बुझा गया....

बेशक भूलना तुझे चाहा बहुत,
हँस कर कभी, रो कर कभी,
दे कर ये आँसुओं की सौगात मुझे,
तू दामन अपना बचा गया....

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