Monday, April 2, 2007

आओ कुछ बात क्रे!!!

 



आओ कुछ बात करे, हम तन्हा कय़ों है?
आओ कुछ दिल की कहे, हम तन्हा कय़ों है?
कोई बस इतना बता दे, हम तन्हा कय़ों है?
कोई तो मुझको सदा दे, हम तन्हा कय़ों है?
रोज़ मिलती है मुझे, ये कोई अजनबी जैसे,
रूठी हुई है मुझसे, मेरी परछाई ऐसे,
कोई समेटो ज़रा, कोई तो बुला दो इसको,
मुझसे थोडी बहुत पह्चान करा दो इसको,
आओ हाथ थामो मेरा, हम तन्हा कय़ों है?
दिल की धड्कन का शोर कभी सुनता नही,
खवाब भी आखों मे अब कोई पलता नही,
आईना है मगर इसमें कुछ नज़र आता नही,
खाली घर का खालीपन कुछ भाता नही,
मुझको खुद से मुलाकात करा दे ऎ-खुदा,
कोई तो मुझको दुआ दे, हम तन्हा कय़ों है?