This Poetry is about a dream of love entering someone's life. That, How it appeared to a very beautiful dream and when being awake, it disappeared leaving only those beautiful memories. That, How a lonely heart feels to be completed by the very presence of that dream person. He seems like a glass palace who ligtens up the abondoned heart of the Dream-weaver. The dreamweaver wants that dream-person to be in her memories for always but she knows that he is mere a dream, so she feels sad for it. Lastly she says, she knew that it is an incomplete dreams which she wish could be a reality someday and this is why she is alive.
आँख खुलते ही ओझल हो जाते हो तुम,
ख्वाब बन के ऐसे क्यों सताते हो तुम...
गमों को भुलाने का एक सहारा ही सही,
मेरे मुरझाए हुए दिल को बहलाते हो तुम...
दूर तक बह जाते है जज़्बात तन्हा दिल के,
हसरतों के क़दमों से लिपट जाते हो तुम...
शीश महल की तरह लगते हो मुझको तो,
खंडहर हुई खव्हाईशोँ को बसाते हो तुम...
यादों की तरह क़ैद रहना मेरी आँखों मे,
आँसू बन कर पलकों पे चले आते हो तुम...
तुम्हारी अधूरी सी आस मे दिल ज़िँदा तो है
साँस लेने की मुझको वजह दे जाते हो तुम...
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Thanks for the translation Shikha.
ReplyDeleteIt does helps me to understand.
It is a lovely poem.
I am glad you are writing again.
Best wishes.
बढ़िया रचना. अब निरंतर लिखिये. इन्तजार रहेगा.
ReplyDeleteबेहतरीन रचना है…
ReplyDeleteपूरी तरह शाश्वत प्रेम धारा… एक गीत बनकर उभरा है…
आप बहुत ही उम्दा लिखती हैं… लिखते रहे…।
Welcome back to your Bloglife !
ReplyDelete"Tumhari Adhoori si aas mey dil zinda to hai,
ReplyDeleteSaans lene ki mujhko wajah de jaate ho tum"
Inspiring... claps!!
@ Little Indian...
ReplyDeleteThanks a lot for your appreciation. :)
And, I am Glad, You could understand my Poetry now... :)
@ समीर ळाल...
ReplyDeleteआप्का बहुत बहुत शुक्रिया!
कोशिश रहेगी अब निरंतर लिख्ती रहुँ! :)
॒@ Divyabh...
ReplyDeleteहौस्ला अफ़्ज़ाई के लिये बहुत बहुत शुक्रिया आप्का!
मेरी कोशिश ज़ारी रहेगी!! :)
@ Ikshayar...
ReplyDelete:) Thanks a Lot.. (Should I need to say anything more.. :) )
@ Aab....
ReplyDeleteI am glad, you found it inspiring.. :)
Thanks a lot.. :)
बहुत ही शानदार कविता है...
ReplyDeleteNo.... :)
ReplyDelete.......................................... ye zindagi hai
ReplyDeleteबहुत बढिया रचना है।
ReplyDelete@ Anjul... Bahut Bahut Shukriya aapka... :)
ReplyDelete@ Yash...
ReplyDeleteSahi kaha aapne... Yeh hi zindagi hai...
Kabhi Khushi to Kabhi Gum... :)
@ Paramjit Bali...
ReplyDeleteBahut bahut shukriya apka.. :)
dear sir and madam
ReplyDeletei want sad hindi site .
thanks
Kahatehai Shayri Khatm ho gayi Galib ke baad Bas Ab jo Dekhi hai aap ke andaz a bya ke baad
ReplyDeletemaine aaki rachna padi aur bahut acchi lagi kyonki isse hi milti julti ek meri rachna publisced ho chuki hai!
ReplyDeleteYeh Bahut Achi Poem Liki hai aapne, Is main aap ne mere dil ki baat likh di hain.
ReplyDeleteLahotigopal@gmail.com
ना तो तन की चिंता, ना ही मन व्यस्त !
ReplyDelete"हम" जिसके लिए रोये, हर वस्तु मिलती है उस वक़्त !!
माँ का वही अंचल है, और प्यारी सी है गोद !
माम्तामई, करूनामई, माँ का वही बालक अबोध !!
गुस्से से पागल हो माँ, यदि कोई मुझे रुलाये !
प्यार से सहलाये माँ, सीने से मुझे लगाये !!
ना हो घर की चिंता, और ना ही मन उदास !
जब नजरो से दूर होऊ, माँ करे मुझे तलाश !!
खुद गीले मे सोती है, मुझे सूखे मे सुलाए !
यदि मुझे ठंड लगे तो, अंचल मे ले मुझे छुपाये !!
काश हमारा वो बचपन, फिर से लोट आये !!